संवैधानिक उपचारों का अधिकार ( अनुच्छेद 32 )

संवैधानिक उपचारों का अधिकार ( अनुच्छेद 32 ) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत संवैधानिक उपचार का अधिकार (Right to Constitutional Remedies in Hindi) एक मूल अधिकार है जो प्रदान करता है कि व्यक्तियों को संवैधानिक रूप से संरक्षित अन्य मौलिक अधिकारों के कार्यान्वयन के लिए सर्वोच्च न्यायालय (एससी) में याचिका दायर करने का विशेषाधिकार है।

सांवैधानिक उपचारों के अधिकार को डॉ भीमराव आंबेडकर ने सविंधान की आत्मा कहा हैं।

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Indian Independence Act 1947

Indian Independence Act 1947 ना सिर्फ भारत के इतिहास बल्कि इसके निर्माण में भी इसका प्रभाव देखा जा सकता है क्योंकि 1947 तक, 1935 के अधिनियम के तहत बनाये गये प्रावधान लागू नहीं हो सके इसलिए भारत सरकार का कामकाज 1919 के अधिनियम के तहत ही चलता रहा था Ι इतिहास सर्वप्रथम प्रधानमंत्री एटली द्वारा … Read more

संवैधानिक विकास की नींव 1773-1853

संवैधानिक विकास की नींव 1773-1853, 1757 ईस्वी में प्लासी की लड़ाई और 1764 ईस्वी के बक्सर के युद्ध को अंग्रेजों द्वारा जीत लिए जाने के बाद बंगाल के शासन पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने शिंकजा कसा। इसी शासन को अपने अनुकूल बनाये रखने हेतु अंग्रेजों ने समय-समय पर कई एक्ट पारित किये, जो भारतीय … Read more

British expansion in India

British expansion in India  का सुरूप एक समय की बात है, जब भारत ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था. ब्रिटिश प्रसार  भारत में ब्रिटिश राज के दौरान समय के साथ विकसित हुआ और मीडिया और समाचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

All India Radio (ऑल इंडिया रेडियो): (British expansion in India)

  • ब्रिटिश प्रसार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ऑल इंडिया रेडियो (AIR) था, जिसे 1930 में शुरू किया गया था.
  • यह भारत के विभिन्न हिस्सों में रेडियो प्रसारण करने का कार्य करता था
  • और लोगों तक न्यूज़, म्यूजिक, और कई अन्य प्रकार की जानकारी पहुंचाता था.

अखबार और मैगजीन (Newspapers and Magazines):

  • ब्रिटिश प्रसार के दौरान, अखबार और मैगजीन भी बड़े प्रसारण का हिस्सा बने थे.
  • इनमें से कुछ प्रमुख अखबार और प्रकाशक श्रीरंगम सादाशिव शास्त्री, अमृत बाजार पत्रिका, और ज़मीन्दार थे.

ब्रिटिश रेडियो और टेलीविजन (British Radio and Television):

  • ब्रिटिश रेडियो और टेलीविजन भी भारत में प्रसारित होते थे,
  • लेकिन यह अधिकांशत: हिन्दी, उर्दू, बंगाली, गुजराती, मराठी, पंजाबी, और
  • अन्य भाषाओं में सामाचार और मनोरंजन कार्यक्रम प्रसारित करते थे.
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बाद,
  • ब्रिटिश प्रसार का नाम बदल गया और भारत सरकार ने भारतीय प्रसार और मीडिया को विकसित करने का काम किया.
  • इसके बाद, भारत में अपने प्रसारण और मीडिया क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, और
  • आजकल भारत में एक बड़ा और विविध मीडिया लैंडस्केप्स है,
  • जिसमें रेडियो, टेलीविजन, अखबार, मैगजीन, और इंटरनेट प्रसारण शामिल हैं Ι (British expansion in India)
भारत में ब्रिटिश प्रसार British expansion in India

British expansion in India भारतीय इतिहास में ब्रिटिश शासन के काल में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रायोगिक और स्थायी संचालित प्रसार प्रणालियों का उल्लेख हो रहा है। ब्रिटिश शासन भारत में 1858 से 1947 तक था, जिसके दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारतीय मीडिया को अपनी प्रासंगिकताओं के आधार पर नियंत्रित किया और संचालित किया।

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भारत में यूरोप का आगमन

भारत में यूरोप का आगमन इतिहास में कई युगों तक व्यापक रूप से हुआ है, और इसके पीछे कई कारण और माध्यम हैं। निम्नलिखित कुछ मुख्य घटनाएं इस संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं:

ब्रिटिश राज:

सबसे प्रमुख भारत में यूरोप का आगमन ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था।

  • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीनस्थ ब्रिटिश राज्य के अंतर्गत, ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन भारत में यूरोपीय आगमन का विस्तार हुआ।
  • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने विभिन्न भागों में अपने कार्यालय स्थापित किए और अपने कर्मचारियों को भारत भेजा।

पुर्तगालियों का आगमन:

  • पुर्तगाली सम्राट वास्को द गामा ने 1498 में कापे ऑफ गुड होप द्वारा भारत की पश्चिमी तट पर पहुंचा।
  • यह यूरोपीय आगमन का पहला महत्वपूर्ण उदाहरण था और इससे भारत और यूरोप के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान हुआ।

डच और फ्रेंच आगमन:

  • 17वीं और 18वीं सदी में, डच और फ्रेंच कंपनियों ने भी भारत में व्यापारी और साम्राज्यिक आगमन का प्रयास किया।
  • इसका परिणामस्वरूप कई यूरोपीय समृद्धि केंद्र, जैसे कि पड़र्बोर्न, कोच्चि, और पोंडिचेरी, की स्थापना हुई
पोर्टोगीज और फ्रेंच काबुलों:

18वीं और 19वीं सदी में, पोर्टोगीज और फ्रेंच व्यापारिक काबुलों ने भी भारत में आगमन किया और व्यापार किया।

सैरंक्स: (भारत में यूरोप का आगमन)
  • सैरंक्स, जो मौर्य, ग्रीक, रोमन, अरब, और यूरोपीय काबुलों के लिए एक महत्वपूर्ण तटीय बंदरगाह था, ने यूरोपीय आगमन को बढ़ावा दिया।
  • यह आगमन भारत के इतिहास, संस्कृति, और समृद्धि पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है, और
  • यूरोप और भारत के बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का माध्यम बना है।

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भारतीय न्याय संहिता 2023

भारतीय न्याय संहिता 2023 को लोकसभा में 11 अगस्त, 2023 को पेश किया गया। यह बिल भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) को निरस्त करता है। आईपीसी दंडनीय अपराधों पर प्रमुख कानून है। भारतीय न्याय संहिता 2023 इसके अंतर्गत आने वाले अपराधों की श्रेणियों में निम्नलिखित को प्रभावित करने वाले अपराध शामिल हैं:  मानव शरीर, जैसे … Read more

भारतीय साक्ष्य बिल 2023

भारतीय साक्ष्य बिल 2023 को लोकसभा में 11 अगस्त, 2023 को पेश किया गया। यह बिल भारतीय साक्ष्य एक्ट, 1872 को निरस्त करता है। यह एक्ट कानूनी कार्यवाही में साक्ष्यों की स्वीकार्यता (एडमिसिबिलिटी ऑफ एविडेंस) के लिए नियम प्रदान करता है। बिल में एक्ट के कई हिस्सों को बरकरार रखा गया है। यह एक्ट से कुछ औपनिवेशिक संदर्भों को हटाता है, साक्ष्य के … Read more

1857 की क्रांति

1857 की क्रांति भारत का पहला स्वतन्त्रता संग्राम ब्रिटिशों के विरुद्ध अनेक राजनितिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और सैनिकों के रोष के होने से हुआ। पहाड़ी राज्यों के लोग भारत के अन्य भागों के लोगों की तरह सक्रिय नहीं थे। बुशहर के आलावा लगभग सभी लोग और उनके शासक क्रांति के समय निष्क्रिय रहे। उनमे से … Read more

हिमाचल प्रदेश का इतिहास

हिमाचल प्रदेश का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना की मानव अस्तित्व का अपना इतिहास है। इसके समृद्ध और विविध इतिहास को कई अलग युगों में विभाजित किया गया है। पूर्व और आद्य इतिहास करीब 20 लाख वर्ष पूर्व इंसान हिमाचल प्रदेश की तलहटी में रहता था, इनमें बंगाना घाटी काँगड़ा, सिरसा घाटी नालागढ़ और … Read more

संयुक्त राज्य अमेरिका

हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका तथा पश्चिमी प्रशांत महासागर के देश पलाउ गणराज्य ने समुद्री प्रबंधन को बढ़ाने के लिये एक विस्तारित द्विपक्षीय कानून प्रवर्तन समझौते पर हस्ताक्षर किये। यह समझौता अमेरिकी तटरक्षक को पलाउ अधिकारी की उपस्थिति के बिना भी पलाउ की ओर से उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में समुद्र में नियमों को लागू करने का अधिकार देता है। इस समझौते से … Read more