अकबर

अकबर (Akbar) का सिहासंरोहण सर्वप्रथम हुमायु की आकस्मिक मृत्यु के पश्चात बैरम खान के सरंक्षण में पंजाब में हुआ और फिर पानीपत के दूसरे युद्ध (1556 ) के बाद मुग़ल फिर से दिल्ली पर कब्ज़ा करने में सफल रहे और अकबर आगरा व दिल्ली पर हुमायु के उत्तराधिकारी के रूप में स्थापित हुआ Ι अकबर  … Read more

मुग़ल साम्राज्य का पतन

मुग़ल साम्राज्य का पतन 1707 में औरंगजेब की म्रत्यु के पश्चात मुग़ल साम्राज्य में सत्ता के लिए संघर्ष‚  जिसके परिणाम स्वरूप धीरे धीरे मुग़ल शक्ति का विनाश होना‚ जिसके  लिए एक से अधिक कारक उतरदायी थे Ι क्षेत्रीय राज्यों का उदय 18 वी शताब्दी के पूर्वार्ध में कमजोर होते मुग़ल शासन के कारण इनके परत्यक्ष … Read more

STOCK MARKET

STOCK MARKET  एक देश के आर्थिक प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और यहाँ तक कि विश्वास किया जाता है कि यह एक देश की आर्थिक स्थिति और प्रगति का मापदंड हो सकता है। यह बाजार उस जगह को प्रतिनिधित करता है जहाँ विभिन्न वाणिज्यिक संस्थान और निवेशकों के लिए शेयर या स्टॉक खरीदने … Read more

संवैधानिक विकास की नींव 1773-1853

संवैधानिक विकास की नींव 1773-1853, 1757 ईस्वी में प्लासी की लड़ाई और 1764 ईस्वी के बक्सर के युद्ध को अंग्रेजों द्वारा जीत लिए जाने के बाद बंगाल के शासन पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने शिंकजा कसा। इसी शासन को अपने अनुकूल बनाये रखने हेतु अंग्रेजों ने समय-समय पर कई एक्ट पारित किये, जो भारतीय … Read more

प्लासी का युद्ध 23 जून 1757

प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को बंगाल के नवाब सिराजुदौला की सेना और रोबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के बीच हुआ था जिसे भारतीय इतिहास में एक विभाजक रेखा के रूप में भी देखा जाता है Ι प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 के कारक : दस्तक का दुरूपयोग – … Read more

UPSC History Optional syllabus in Hindi

UPSC History Optional syllabus in Hindi  The UPSC (Union Public Service Commission) offers an optional subject in the Civil Services Main Examination, including History. Here is the syllabus for UPSC History Optional in Hindi: वैकल्पिक विषय – इतिहास प्रश्नपत्र-1 स्रोतः UPSC History Optional syllabus in Hindi पुरातात्विक स्रोतः अन्वेषण, उत्खनन, पुरालेखविद्या, मुद्राशास्त्र, स्मारक, साहित्य स्रोत। … Read more

लद्दाख के प्रमुख दर्रे

लद्दाख के प्रमुख दर्रे जो की बहुत ही रास्तों का निर्माण करते जिन्हे पार करना बहुत ही मुश्किल होता है खासकर शीत ऋतू के समय क्योंकि अधिक बर्फ़बारी होने के कारण ये काफी समय तक बंद ही रहते है Ι दर्रे उन्हें ही खा जाता है जो की पर्वतो में से रास्तों का निर्माण बनाते … Read more

जम्मू एंड कश्मीर के प्रमुख दर्रे

जम्मू एंड कश्मीर के प्रमुख दर्रे जो की भारत को ना सिर्फ चीन, तिब्बत और पाकिस्तान को जोड़ते है बल्कि जम्मू एंड कश्मीर को भारत के अन्य राज्य जैसे हिमाचल प्रदेश, पंजाब को भी जोड़ते है Ι प्रमुख दर्रे ∴ बनिहाल दर्रा ( BANIHAL PASS ) यह दर्रा जम्मू एंड कश्मीर का एक प्रमुख दर्रे … Read more

British expansion in India

British expansion in India  का सुरूप एक समय की बात है, जब भारत ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था. ब्रिटिश प्रसार  भारत में ब्रिटिश राज के दौरान समय के साथ विकसित हुआ और मीडिया और समाचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

All India Radio (ऑल इंडिया रेडियो): (British expansion in India)

  • ब्रिटिश प्रसार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ऑल इंडिया रेडियो (AIR) था, जिसे 1930 में शुरू किया गया था.
  • यह भारत के विभिन्न हिस्सों में रेडियो प्रसारण करने का कार्य करता था
  • और लोगों तक न्यूज़, म्यूजिक, और कई अन्य प्रकार की जानकारी पहुंचाता था.

अखबार और मैगजीन (Newspapers and Magazines):

  • ब्रिटिश प्रसार के दौरान, अखबार और मैगजीन भी बड़े प्रसारण का हिस्सा बने थे.
  • इनमें से कुछ प्रमुख अखबार और प्रकाशक श्रीरंगम सादाशिव शास्त्री, अमृत बाजार पत्रिका, और ज़मीन्दार थे.

ब्रिटिश रेडियो और टेलीविजन (British Radio and Television):

  • ब्रिटिश रेडियो और टेलीविजन भी भारत में प्रसारित होते थे,
  • लेकिन यह अधिकांशत: हिन्दी, उर्दू, बंगाली, गुजराती, मराठी, पंजाबी, और
  • अन्य भाषाओं में सामाचार और मनोरंजन कार्यक्रम प्रसारित करते थे.
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बाद,
  • ब्रिटिश प्रसार का नाम बदल गया और भारत सरकार ने भारतीय प्रसार और मीडिया को विकसित करने का काम किया.
  • इसके बाद, भारत में अपने प्रसारण और मीडिया क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, और
  • आजकल भारत में एक बड़ा और विविध मीडिया लैंडस्केप्स है,
  • जिसमें रेडियो, टेलीविजन, अखबार, मैगजीन, और इंटरनेट प्रसारण शामिल हैं Ι (British expansion in India)
भारत में ब्रिटिश प्रसार British expansion in India

British expansion in India भारतीय इतिहास में ब्रिटिश शासन के काल में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रायोगिक और स्थायी संचालित प्रसार प्रणालियों का उल्लेख हो रहा है। ब्रिटिश शासन भारत में 1858 से 1947 तक था, जिसके दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारतीय मीडिया को अपनी प्रासंगिकताओं के आधार पर नियंत्रित किया और संचालित किया।

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भारत में यूरोप का आगमन

भारत में यूरोप का आगमन इतिहास में कई युगों तक व्यापक रूप से हुआ है, और इसके पीछे कई कारण और माध्यम हैं। निम्नलिखित कुछ मुख्य घटनाएं इस संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं:

ब्रिटिश राज:

सबसे प्रमुख भारत में यूरोप का आगमन ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था।

  • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीनस्थ ब्रिटिश राज्य के अंतर्गत, ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन भारत में यूरोपीय आगमन का विस्तार हुआ।
  • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने विभिन्न भागों में अपने कार्यालय स्थापित किए और अपने कर्मचारियों को भारत भेजा।

पुर्तगालियों का आगमन:

  • पुर्तगाली सम्राट वास्को द गामा ने 1498 में कापे ऑफ गुड होप द्वारा भारत की पश्चिमी तट पर पहुंचा।
  • यह यूरोपीय आगमन का पहला महत्वपूर्ण उदाहरण था और इससे भारत और यूरोप के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान हुआ।

डच और फ्रेंच आगमन:

  • 17वीं और 18वीं सदी में, डच और फ्रेंच कंपनियों ने भी भारत में व्यापारी और साम्राज्यिक आगमन का प्रयास किया।
  • इसका परिणामस्वरूप कई यूरोपीय समृद्धि केंद्र, जैसे कि पड़र्बोर्न, कोच्चि, और पोंडिचेरी, की स्थापना हुई
पोर्टोगीज और फ्रेंच काबुलों:

18वीं और 19वीं सदी में, पोर्टोगीज और फ्रेंच व्यापारिक काबुलों ने भी भारत में आगमन किया और व्यापार किया।

सैरंक्स: (भारत में यूरोप का आगमन)
  • सैरंक्स, जो मौर्य, ग्रीक, रोमन, अरब, और यूरोपीय काबुलों के लिए एक महत्वपूर्ण तटीय बंदरगाह था, ने यूरोपीय आगमन को बढ़ावा दिया।
  • यह आगमन भारत के इतिहास, संस्कृति, और समृद्धि पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है, और
  • यूरोप और भारत के बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का माध्यम बना है।

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